THE DEFINITIVE GUIDE TO सोयाबीन के तेल के फायदे

The Definitive Guide to सोयाबीन के तेल के फायदे

The Definitive Guide to सोयाबीन के तेल के फायदे

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सोयाबीन ऑयल स्वास्थ्य पर क्या असर डालता है और सोयाबीन तेल के फायदे क्या हैं, ये सब हम आगे रिसर्च के आधार पर बता रहे हैं। इन फायदों को जानकर यह न समझ लें कि सोयाबीन तेल का उपयोग करने के बाद बीमारी में डॉक्टर से परामर्श लेने की जरूरत नहीं है। यह तेल बीमारियों से बचाव कर सकता है, लेकिन किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। इसलिए, बीमार होते ही डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।



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सोयाबीन का तेल आइसोफ्लेवोन्स का बहुत ही अच्छा स्रोत है। जो महिला की प्रजनन प्रणाली के लिए एक प्रमुख तत्व होता है। रजोनिवृत्ति के समय, एस्ट्रोजेन का स्तर बहुत तेजी से कम होने लगता है। लेकिन आइसोफ्लोवन एस्ट्रोजेन रिसेप्टर कोशिकाओं से चिपकते हैं, ताकि शरीर को ऐसा महसूस न हो कि आप बहुत ही कठोर परिवर्तन से गुजर रहे हैं। इसके अलावा सोयाबीन का तेल रजोनिवृत्ति के कई लक्षणों को कम कर सकता है जैसे हॉट फ्लैशेस, मूड स्विंग्स और तेज भूख लगना।

पोटेशियम से भरपूर भोजन शरीर से अतिरिक्त सोडियम को निकालने का काम करता है इसके लिए सोयाबीन को भून कर इसका नियमित सेवन करना हाई बीपी को नियंत्रण करने में मददगार होता है।

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सोयाबीन का तेल एंटीऑक्सिडेंट, आइसोफ्लेवोन्स, लिनोलिक एसिड और विटामिन से भरपूर होता है जो त्वचा के लिए जरूरी होता है। इससे मिलने वाले पोषणों का हमें शुक्रगुजार होना चाहिए क्योंकि इससे त्वचा को बहुत सारे लाभ होते है। सोयाबीन के तेल का इस्तेमाल त्वचा को सूरज की यू.

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कौन सा इंडियन कुकिंग ऑयल सबसे अच्छा है, इस पर पोषण विशेषज्ञ अंजलि मुखर्जी, एक इंस्टाग्राम रील में click here बताती हैं कि कुकिंग ऑयल चुनने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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लॉग इन / साइन अप करें myUpchar टिप्स सोयाबीन खाने के फायदे और नुकसान

सोयाबीन के तेल में फाइटोएस्ट्रोजन के रूप में जाना जाने वाला अच्छा आइसोफ्लोइड होता है जिसमें एस्ट्रोजन के समान वर्ण होते हैं । हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए एस्ट्रोजन आवश्यक है। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी होती है, और इसलिए कमजोर हड्डियों का खतरा अधिक होता है। सोयाबीन के तेल का सेवन, उनके रक्त में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाता है, और हड्डियों को ताकत प्रदान करने और ऑस्टियोपोरोसिस की स्थितियों को रोकने में मदद करता है।

ऐसा माना जाता है कि दक्षिण-पूर्वी एशिया खासतौर से चीन से सोयाबीन का प्रचलन शुरु हुआ था। इसके बाद ये जापान और फिर विश्‍व के अन्‍य हिस्‍सों में भी लोकप्रिय हो गया। वर्तमान समय में विश्‍वभर में सोयाबीन की खेती की जाती है। विश्‍व स्‍तर पर संयुक्‍त राज्‍य सोयाबीन का उत्‍पादन करने में पहले स्‍थान पर है। इसके बाद ब्राजील, अर्जेंटीना और चीन का नाम आता है। भारत के मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र और राजस्‍थान राज्‍य में सबसे ज्‍यादा सोयाबीन का उत्‍पादन किया जाता है।

क्या लीवर संबंधी मरीजों को सोयाबीन ऑयल के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है? जी हां, यह लीवर को दुरुस्त रखने में सहायक होता है। इस तेल में लेसीथीन पाया जाता है, जो लीवर के लिए काफी अच्छा होता है।

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